वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प प्रणाली है जो प्रकृति, मनुष्यों और उनके आवासों के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन पर जोर देती है। ऐसा माना जाता है कि वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करके कोई भी अपने घर या कार्यस्थल में सकारात्मक और समृद्ध वातावरण बना सकता है। यह प्रणाली कमरे, दरवाजे, खिड़कियां और यहां तक कि फर्नीचर की दिशा, लेआउट और स्थान जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखती है। लक्ष्य अंतरिक्ष के भीतर ब्रह्मांडीय ऊर्जा, जिसे 'प्राण' भी कहा जाता है, के प्रवाह को अनुकूलित करना है। वास्तु शास्त्र व्यक्तियों को यह मार्गदर्शन देता है कि रहने या काम करने के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए रसोई, शयनकक्ष और अध्ययन क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण तत्वों को कहाँ रखा जाए। ऐसा माना जाता है कि अपने परिवेश को इन सिद्धांतों के साथ जोड़कर हम अपने समग्र कल्याण, सफलता और खुशी को बढ़ा सकते हैं।
Contacts
help@sumangaljyotish.com
(+91)7496088201
Socials
Office
सुमंगल वास्तु एवं ज्योतिष Sumangal Vastu avm Jyotish Mahendergarh, 123029 Haryana
सुचना : हमारे द्वारा सुझाए गए उपाय हेतु प्रयोग वैदिक ज्योतिष गणना पर आधारित हैं। इसके सटीक फल की हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं।
Copyright © 1996-2023, All Rights Reserved, www.sumangaljyotish.com